
हिंदी बने हमारी राष्ट्रभाषा
है हर हिंदुस्तानी की आज यही अभिलाषा,
हिंदी बने हमारी अपनी राष्ट्रभाषा l
हिंदी है महान अपनी आन बान और शान,
नहीं चाहिए हमें अब उधार की भाषा l
अपनी भाषा संस्कृति से होती अलग पहचान,
अपनी भाषा से उन्नति की चढ़ेंगे हम सोपान् l
नहीं करेंगे अब अंग्रेजी की हम कभी गुलामी,
हिंदी को माथे सजा होगा जागृत सोया स्वाभिमान l
हिंदी है सबसे न्यारी हर भाषा की रानी, फिर क्यों हम बनाएं हैं अंग्रेजी को पटरानी l
हिंदी पढ़ने लिखने में है लगती कितनी प्यारी,
अंग्रेजी बढ़ाती है हर पल अपनी हैरानी l
स्वरचित
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निर्मला कर्ण