प्रेरणा दर्पण साहित्यिक सांस्कृतिक मंच एवं साहित्य 24 के सयुंक्त तत्वाधान में बहुप्रतीक्षित साझा काव्य संकलन “मन के मनके” का लोकार्पण दिनांक २७/०३/२०२३ को लालपुर स्थित हॉटेल सिटी पैलेस में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। पुस्तक का संपादन डॉ शुभ्रा सिंह एवं प्रतिमा त्रिपाठी जी द्वारा किया गया है।
मंच जी अध्यक्षता राँची की वरिष्ठ साहित्यकार आ.डॉ सुरिंदर कौर ‘नीलम’ जी द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर राँची के सुप्रशिद्ध कवि एवं नाटककार आ. राकेश रमन ने मंच को सुशोभित किया। राँची की वरिष्ठ कवियत्री आ. रेणु झा ‘रेणुका’ जी, पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं कवि श्री देव बिहारी शर्मा जी, राँची की कथाकार एवं कवियत्री आ.निर्मला कर्ण जी, सुप्रशिद्ध कवियत्री, लेखिका लघुकथाकार आ. रंजना वर्मा ‘उन्मुक्त’ जी, एवं राँची की कवियत्री एवं लेखिका आ. विभा वर्मा ‘वाची’ ने मंच पर विराजमान होकर विशिष्ट अतिथि पद की गरिमा बढ़ायी।
आ. रेणु झा ‘रेणुका’ जी के मंत्रोच्चारण के साथ सभी दीप अतिथियों ने मिलकर दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सरस्वती वंदना आ. बिंदु प्रसाद रिद्धिमा ने किया। आ. मनीषा सहाय ‘सुमन’ जी ने बहुत उत्साह पूर्वक समरसता एवं कुशलतापूर्वक मंच सञ्चालन किया। इस कार्यक्रम की आयोजक एवं पुस्तक की संपादक आ. प्रतिमा त्रिपाठी जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
मन के मनके पुस्तक पर आ.सुरिंदर कौर नीलम जी ने अपने उद्गार में “के समंदर से निकले भावों की अनमोल ‘ मन के मनके’ है। कवि का मन समंदर और आकाश से भी अधिक विस्तार लिए होता है।” वही वरिष्ठ कवियत्री रेणु झा जी ने कहा- केवल योजना बना लेने भर से कोई कार्य सफल नहीं होता। उसकी सफलता के लिए अटूट विश्वास, धैर्य, समर्पण और निस्वार्थ मन से प्रतिबद्धता भी आवश्यक होता है।”
इस मौके पर राकेश रमन जी समय के मूल्य को समझाते हुए कहा- सबसे पहले रचनाकारों को समय का मान रखना सीखना होगा। एक रचनाकार को अनुशासित आचरण बरतना बहुत आवश्यक होता है।”
आ. मनीषा सहाय जी ने अक्षर को ब्रम्ह बताते हुए कहा-“इसके साधक को बिना मंच भेद किये, प्रतिस्पर्धा से परे होकर निस्वार्थ भावना से सभी साहित्यिक मंचो को अपनी सेवा और योगदान देते रहना होगा। सबके सहयोग से ही साहित्य सरिता समरसता से प्रवाहित होती है।”
इस कार्यक्रम में इस पुस्तक में प्रकाशित राँची की जिन रचनाकारों की उपस्थिति रही। आ. पुष्पा सहाय जी, आ. कविता रानी जी, आ.सुनीता अग्रवाल जी, आ.नीता शेखर जी, आ.निर्मला सिंह जी, आ.कृष्णा श्रीवास्तव जी, आ.सुजाता प्रिय जी, आ. नीरज वर्मा जी, आ.मीरा सिंह जी, आ.रश्मि सिंह जी, आ. संध्या चौधरी ‘उर्वशी’ जी, आ. मधुमिता साहा जी, आ. प्रतिभा सिंह जी, आ. ऋतुराज वर्षा जी, एवं आ.सरस्वती गगराई जी आदि ने अपनी उपस्थिति से मंच की गरिमा बढ़ायी।