“हिंग्लिश हमारी स्वरचित भाषा है” “स्वरचित” यह शब्द आजकल बड़ा एक्टिव हो गया है। हर कलमधारी, जिसे अक्षर ज्ञान है, वह कापीराइट का साइन लिए फिरता है। हर तरफ़ अपनी ओरिजिनलिटी दिखाने की गहमागहमी है। अरे प्रोपराइटर भी भरे पड़े हैं। “प्रोपराइटर” समझे क्या? अरे प्रोपर्टी नहीं भाई साहब, उस […]